Monday, February 16, 2009

आइसिंग कैसे करूँ?

संपादक ने आज मुझसे कहा-आपका कम आइसिंग करने का है। पेज में वैल्यू एडिशन का है। आप विज्ञप्ति चलाना बंद करिए। यह काम लड़कों से करवाइए। मुखर बनिए।
एक बार मुखर हुआ था तो कई लोगों के पेट में दर्द होने लगा था। उनकी मोनोपल्ली में सेंध लगने लगी थी। ये वे लोग है जो रायपुर से बाहर जाना नही चाहते। और किसी को आगे बढ़ते देख नही सकते। आगे बढ़ना है तो उनके किनारे से निकल जाइये। उनको नुकसान पहुचाये बगैर। उनकी दुकान के आगे ठेला लगाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें बुरा लगेगा।
आज व्यापारियों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ढेर सारी तस्वीरों के साथ ख़बर छपी। एक वरिष्ठ सहयोगी आख़िर तक बैठा था। मुझे शाम से ही मालूम था की आज उसका दिल किस तस्वीर पर अटका है। अंत में वाही हुआ। उसने पेज कुछ लेट करवाकर वह तस्वीर प्रमुखता से लगवाई जिसमे उसका दोस्त नजर आ रहा है। फोटोग्राफर ने जानबूझकर वह तस्वीर खींची है यह भी मैं अनुमान लगा सकता हूँ।
पत्रकारिता में न्यूज सोर्स को खुश रखने की जरुरत से मैं वाकिफ हूँ। ये लोग लंबे समय से अपने न्यूज सोर्स को खुश करते आ रहे है। इन लोगो ने दूसरो के न्यूज सोर्स के लिए कभी ऐसी ललक नही दिखाई. मुझसे दूसरो के खाने के लिए आमलेट बनाने कहा जा रहा है। और कहा जा रहा है कि अच्छा बनना चाहिए। मेरी दिक्कत यह है कि मुझे भी भूख लगी है और मैं आमलेट नही खाता.

1 comment:

Uditvani said...

Hello..its nice to read your blog..especially the article on Rajim Kumbh & this one. I too am a media person in Jamshedpur. Do get in touch woth me on udit.sun@gmail.com. It would be nice to keep in touch with people like you.